गुरुग्राम : आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अब तक शहर में कुल 62 एफआईआर दर्ज की गई हैं। अधिकारियों ने 2,155 इलाकों से बैनर और पोस्टर हटा दिए हैं और 7 लाख रुपये की शराब जब्त की है।
उपायुक्त निशांत कुमार यादव के अनुसार, प्रशासन आदर्श आचार संहिता के कार्यान्वयन पर कड़ी निगरानी रख रहा है, जो 16 अगस्त को विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद लागू हो गई थी।
यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने पहले ही चुनाव आचार संहिता के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसके अनुसार कोई भी उम्मीदवार किसी की निजी भूमि, भवन परिसर या दीवारों का उपयोग प्रचार गतिविधियों जैसे झंडे लगाना, पोस्टर चिपकाना या नारे लिखना आदि के लिए नहीं कर सकता। ऐसा करते पाए जाने पर उनके और उनके पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यादव ने विधानसभा क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ) को भी निर्देश दिया कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपकर तथा एक टीम के रूप में काम करके प्रचार सामग्री को हटाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा, “हमारे संज्ञान में आया है कि प्रशासन द्वारा प्रचार सामग्री हटाए जाने के बाद कुछ राजनीतिक दल कुछ स्थानों पर फिर से होर्डिंग्स लगा रहे हैं। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद कुछ वाहन उम्मीदवारों के प्रचार में लगे हुए हैं। ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीदवार अपने आवास, कार्यालय, प्रचार वाहनों पर प्रचार के लिए बैनर और पोस्टर लगा सकते हैं और कार्यालय खोल सकते हैं। हालांकि, उन्हें अपने प्रचार कार्यालय के स्थान के बारे में संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के आरओ को सूचित करना होगा। चुनाव के दौरान कार्यालय खोलने में होने वाला खर्च दिशा-निर्देशों के दायरे में होगा।
इसके अलावा, डीसी ने चुनाव प्रचार सामग्री हटाने में एमसीजी के चार संयुक्त आयुक्तों की कार्यशैली पर असंतोष व्यक्त किया और उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया